गर्मियाँ अपने साथ तेज धूप, उमस और कई स्वास्थ्य समस्याएँ लेकर आती हैं। इस मौसम में तापमान बढ़ने और पर्यावरणीय बदलावों के कारण कई बीमारियाँ आम हो जाती हैं। हीट स्ट्रोक के कारण सिरदर्द, चक्कर, और बेहोशी हो सकती है, जबकि घमौरियों से त्वचा पर लाल दाने उभरते हैं। डिहाइड्रेशन से प्यास, थकान, और शुष्क त्वचा की समस्या होती है। खाद्य जनित रोग जैसे फूड पॉइजनिंग से उल्टी, दस्त, और पेट दर्द हो सकता है। मच्छरों के कारण डेंगू और मलेरिया में बुखार और जोड़ों में दर्द होता है, वहीं त्वचा और आँखों के संक्रमण जैसे फंगल इंफेक्शन और कंजंक्टिवाइटिस भी गर्मियों में बढ़ते हैं। इनसे बचाव के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है।
गर्मी से संबंधित बीमारियाँ (हीट स्ट्रोक और हीट रैश)
गर्मियों में सबसे आम समस्या है हीट स्ट्रोक, जो अत्यधिक गर्मी के कारण शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ने से होता है। इसके लक्षणों में सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, मांसपेशियों में ऐंठन और कभी-कभी बेहोशी शामिल हैं। हीट रैश या घमौरियाँ भी गर्मी और पसीने के कारण त्वचा पर लाल दाने के रूप में प्रकट होती हैं।
बचाव: पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ, हल्के और ढीले कपड़े पहनें, और दोपहर के समय धूप में बाहर निकलने से बचें। ठंडे पानी से स्नान और त्वचा को सूखा रखना घमौरियों से बचाव में मदद करता है।
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण)
गर्मियों में पसीने के कारण शरीर से पानी और आवश्यक लवण तेजी से निकलते हैं, जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में प्यास, थकान, शुष्क त्वचा, और गहरे रंग का मूत्र शामिल हैं। बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या अधिक गंभीर हो सकती है।
बचाव: दिनभर में 2-3 लीटर पानी पिएँ। नींबू पानी, नारियल पानी, और ओआरएस जैसे पेय पदार्थों का सेवन करें। कैफीन और शराब से बचें, क्योंकि ये निर्जलीकरण को बढ़ा सकते हैं।
खाद्य जनित रोग (फूड पॉइजनिंग)
गर्मियों में खाद्य पदार्थ जल्दी खराब हो जाते हैं, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ता है। बैक्टीरिया और वायरस दूषित भोजन या पानी के माध्यम से फैलते हैं, जिससे उल्टी, दस्त, और पेट दर्द जैसी समस्याएँ होती हैं।
बचाव: ताजा और अच्छी तरह पका हुआ भोजन खाएँ। बाहर का खाना, विशेष रूप से सड़क किनारे बिकने वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करें। खाना हमेशा ढककर रखें और फ्रिज में स्टोर करें।
डेंगू और मलेरिया
गर्मियों के बाद बरसात शुरू होने पर मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलती हैं। बुखार, जोड़ों में दर्द, और त्वचा पर चकत्ते इसके प्रमुख लक्षण हैं।
बचाव: घर के आसपास पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का उपयोग करें, और मच्छर भगाने वाली क्रीम या कॉइल का इस्तेमाल करें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें और डॉक्टर की सलाह पर दवाएँ लें।
त्वचा और आँखों के संक्रमण
गर्मी और पसीने के कारण त्वचा में फंगल इंफेक्शन और आँखों में कंजंक्टिवाइटिस जैसी समस्याएँ बढ़ सकती हैं। धूल और प्रदूषण के कारण आँखों में जलन और लालिमा भी आम है।
बचाव: नियमित रूप से स्नान करें, त्वचा को सूखा और साफ रखें। धूप में निकलते समय धूप का चश्मा पहनें और आँखों को बार-बार साफ पानी से धोएँ।
गर्मियों में स्वस्थ रहने के लिए सावधानी और जागरूकता जरूरी है। संतुलित आहार, पर्याप्त जलयोजन, और स्वच्छता का ध्यान रखकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। यदि कोई लक्षण गंभीर हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें!