भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पंजाब में अपनी कमजोर स्थिति को मजबूत करने के लिए 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपने प्रमुख चेहरे के रूप में पेश कर रही है। सैनी, जो स्वयं पिछड़ा वर्ग (OBC) और सैनी समुदाय से हैं, पंजाब के शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में, विशेष रूप से सैनी समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों के बीच, भाजपा की पैठ बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब में भाजपा की स्थिति 2022 के विधानसभा चुनावों में केवल 2 सीटें और 2024 के लोकसभा चुनावों में शून्य सीटों के साथ कमजोर रही है। सैनी के नेतृत्व में, भाजपा सामाजिक और व्यापारिक रूप से प्रभावशाली सैनी समुदाय को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय नेताओं को पार्टी में शामिल करने पर ध्यान दे रही है। यह रणनीति सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की मजबूत जमीनी पकड़ के खिलाफ नए राजनीतिक समीकरण बनाने की कोशिश है।
नायब सिंह सैनी की हालिया पंजाब यात्राएँ
नायब सिंह सैनी ने 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा को 48 सीटें जिताकर अपनी राजनीतिक क्षमता साबित की। अब वह पंजाब में भाजपा की स्थिति को मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। 27 अप्रैल 2025 को, सैनी ने डेराबस्सी में एक जनसभा को संबोधित किया, जहाँ शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता गुरनाम सिंह डेराबस्सी के राजनीतिक वारिस गुरदर्शन सिंह सैनी ने भाजपा में शामिल होने की घोषणा की। इस आयोजन में राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू और पूर्व सांसद परनीत कौर भी उपस्थित थे। इसके अलावा, 20 अप्रैल 2025 को जीरकपुर में सैनी की उपस्थिति में नगर परिषद के पाँच पार्षद, हरजीत सिंह मिंटा के नेतृत्व में, भाजपा में शामिल हुए। सैनी ने पटियाला और मोहाली के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी कई सामाजिक और राजनीतिक समारोहों में भाग लिया, विशेष रूप से सैनी समुदाय और पिछड़े वर्गों के संगठनों से मुलाकात की। ये यात्राएँ 2027 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की जमीनी स्थिति को मजबूत करने का हिस्सा हैं।
2027 के पंजाब विधानसभा चुनावों पर प्रभाव
सैनी की यात्राओं ने पंजाब के राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, जिससे आप और भाजपा के बीच टकराव बढ़ा है। आप और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सैनी की गतिविधियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आप के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि सैनी को पंजाब पर टिप्पणी करने से पहले हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन दिखाना चाहिए। मान ने नाभा जैसी रैलियों के माध्यम से अपनी सरकार की उपलब्धियों, जैसे शिक्षा और स्वास्थ्य सुधार, को उजागर कर भाजपा की कोशिशों को रोकने की कोशिश की। भाजपा की OBC और सैनी समुदाय पर केंद्रित रणनीति 2027 के चुनावों में नए समीकरण पैदा कर सकती है। सैनी समुदाय और पिछड़े वर्गों को जोड़ने की कोशिश से भाजपा को शहरी क्षेत्रों में कुछ समर्थन मिल सकता है, जो आप के लिए चुनौती बन सकता है।
हालांकि, आप की मजबूत जमीनी पकड़ और भगवंत मान की लोकप्रियता इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। आप ने 2022 में सभी सामाजिक वर्गों का समर्थन हासिल किया था, और उनकी नीतियाँ, जैसे आम आदमी क्लीनिक और शिक्षा सुधार, शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करती रहती हैं। सैनी की यात्राएँ और भाजपा की रणनीति 2027 के चुनावों को और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी, लेकिन आप की मौजूदा लोकप्रियता और संगठनात्मक ताकत इसे एक कड़ा मुकाबला बनाए रखेगी।