पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हाल ही में एक वीडियो के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुली चुनौती दी है। उन्होंने नरेंद्र मोदी को लाइव टीवी डिबेट में आमने-सामने बैठने के लिए कहा, जिसमें उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “मैं आपको चुनौती देती हूं, मेरे साथ लाइव टीवी डिबेट में बैठें। आप चाहें तो अपना टेलीप्रॉम्प्टर भी ला सकते हैं।” यह बयान ममता बनर्जी ने 29 मई 2025 को दिया, जब उन्होंने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर पश्चिम बंगाल को बदनाम करने का आरोप लगाया। ममता ने यह भी कहा कि यदि बीजेपी इतनी ही आश्वस्त है, तो वह तुरंत राज्य में चुनाव करवाए, क्योंकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इसके लिए तैयार है।
ममता बनर्जी और नरेंद्र मोदी के बीच टकराव कोई नई बात नहीं है। दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से राजनीतिक और वैचारिक मतभेद रहे हैं, जो कई मौकों पर सार्वजनिक मंचों पर उभरकर सामने आए हैं। 2021 में, जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए, तब भी दोनों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। उस दौरान नरेंद्र मोदी ने ममता बनर्जी की सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था की विफलता का आरोप लगाया था, जिसके जवाब में ममता ने केंद्र सरकार पर बंगाल के खिलाफ साजिश रचने का इल्जाम लगाया। मई 2021 में, साइक्लोन यास के बाद पीएम मोदी के दौरे के दौरान, ममता ने आरोप लगाया था कि केंद्र ने उनके खिलाफ “एकतरफा खबरें” फैलाईं और उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। उन्होंने तब कहा था, “मैंने साइक्लोन प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन अचानक पीएम के दौरे की सूचना मिली, जिसके लिए हमें इंतजार करना पड़ा।”
2024 में भी, ममता ने मुरशिदाबाद और मालदा में हुई हिंसा को लेकर पीएम मोदी पर “दोहरे मापदंड” अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि ये दंगे “पूर्व नियोजित” थे और केंद्र सरकार की शह पर हुए। इसके जवाब में, पीएम मोदी ने ममता सरकार पर “निर्ममता” (क्रूरता) का आरोप लगाया, जो ममता के नाम के साथ एक शब्द-चातुर्य था। ममता ने इसे बंगाल की महिलाओं का अपमान करार दिया और बीजेपी पर तीखा हमला बोला।
ममता और मोदी के बीच यह टकराव केवल राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित नहीं रहा। 2015 में, जब ममता ने पीएम मोदी के साथ एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया था, तब उन्होंने स्पष्ट किया कि यह केवल राज्य के विकास के लिए था, न कि किसी राजनीतिक समझौते के लिए। इसके अलावा, 2019 में स्वच्छ भारत अभियान को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच मतभेद उजागर हुए थे, जब ममता ने केंद्र पर बंगाल के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
इस ताजा चुनौती में ममता ने न केवल टीवी डिबेट की बात की, बल्कि बीजेपी पर “ऑपरेशन बंगाल” जैसे बयानों के जरिए बंगाल की जनता का अपमान करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जब उनकी पार्टी का सांसद अभिषेक बनर्जी अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है, तब पीएम मोदी बंगाल को बदनाम कर रहे हैं। ममता का यह आक्रामक रुख दर्शाता है कि 2026 के विधानसभा चुनाव से पहले बंगाल की सियासत और गर्म होने वाली है।
यह टकराव न केवल दो नेताओं की विचारधारा का प्रतीक है, बल्कि केंद्र और राज्य के बीच सत्ता के संघर्ष को भी दर्शाता है। ममता की यह चुनौती क्या वाकई टीवी डिबेट में तब्दील होगी, या यह केवल एक राजनीतिक दांव है, यह देखना दिलचस्प होगा।
ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी को दी खुली चुनौती !
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