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कोरोना निगल गया दर्जन भर लोगों को ,1047 संक्रमित

कोरोना निगल गया दर्जन भर लोगों को ,1047 संक्रमित


कोविड-19 संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं, जिससे स्वास्थ्य विशेषज्ञ और सरकार सतर्क हो गई है। 19 मई 2025 तक, भारत में कुल 257 सक्रिय कोविड-19 मामले थे जो 27 मई तक 1047 तक पहुंच गए। देश में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी 2020 को केरल में सामने आया था, और तब से यह वायरस कई लहरों के रूप में देश को प्रभावित करता रहा है।

शहर-वार आँकड़ों के अनुसार, केरल में सबसे ज्यादा 273 सक्रिय मामले दर्ज किए गए, जो देश में सर्वाधिक हैं। महाराष्ट्र में 209 सक्रिय मामले थे, जिसमें से मुंबई, पुणे, और ठाणे में सबसे ज्यादा मामले सामने आए। तमिलनाडु में भी मामलों की संख्या बढ़ी है, और वहाँ 34 नए मामले दर्ज किए गए। कर्नाटक में 38 सक्रिय मामले थे, जिनमें से बेंगलुरु में 32 मामले थे।

दिल्ली में 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए, और यहाँ अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, दवाइयों, और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अलर्ट जारी किया गया। इसके अलावा, नोएडा (उत्तर प्रदेश) में एक 55 वर्षीय महिला का मामला सामने आया, जो जिले का पहला पुष्ट मामला था। वह ट्रेन से यात्रा करके लौटी थी और अब होम आइसोलेशन में है। ऋषिकेश के एक प्रमुख अस्पताल ने भी तीन मामलों की सूचना दी, जिनमें से एक मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया, जबकि दो अन्य निगरानी में हैं।

शहर-वार मौतें (मई 2025 तक)
मई 2025 में कोविड-19 से होने वाली मौतों की संख्या भी चिंता का विषय बनी हुई है। 27 मई 2025 तक, देशभर में कोविड-19 से 11 लोगों की मौत हुई, और उस समय 1047 सक्रिय मामले थे। इसमें से सबसे ज्यादा 5 मौतें महाराष्ट्र में हुईं।

महाराष्ट्र में मई के अंत तक चार मौतें दर्ज की गईं, जिसमें ठाणे में एक 21 वर्षीय युवक की मृत्यु हुई, जो डायबिटिक कीटोएसिडोसिस से पीड़ित था। 20 मई 2025 को मुंबई के एक बड़े अस्पताल में JN.1 और LF.7 वैरिएंट से एक महिला और एक बच्ची की मौत हुई, जिसके बाद मुंबई में अलर्ट जारी किया गया। बेंगलुरु में भी एक कोविड-संबंधित मृत्यु दर्ज की गई, जहाँ 17 मई को एक 84 वर्षीय मरीज, जो अन्य बीमारियों से ग्रस्त था, की मृत्यु हुई।

कोविड-19 के वैरिएंट्स
2025 में कोविड-19 के नए वैरिएंट्स ने चिंता बढ़ा दी है। ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 भारत में फैल रहे हैं।

NB.1.8.1 वैरिएंट :NB.1.8.1 ओमिक्रॉन के JN.1 सबलाइन का एक उत्परिवर्तन है। यह वैरिएंट पहली बार अप्रैल 2025 में तमिलनाडु में पाया गया। भारत के जीनोमिक्स अनुसंधान समूह ने इसकी पुष्टि की। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे “वैरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” (VUM) की श्रेणी में रखा है। इस वैरिएंट में A435S, V445H, और T478I जैसे स्पाइक प्रोटीन उत्परिवर्तन हैं, जो इसे अधिक संक्रामक बनाते हैं।

LF.7 वैरिएंट :LF.7 भी JN.1 सबलाइन का हिस्सा है और इसे मई 2025 में गुजरात में पाया गया, जहाँ चार मामले सामने आए। यह वैरिएंट भी VUM श्रेणी में है। सिंगापुर में 19 दिनों में 3,000 मामले और हांगकांग में 30 मौतें LF.7 और NB.1.8.1 से जोड़ी गईं।

JN.1 वैरिएंट :JN.1 वैरिएंट 2025 में भारत में सबसे प्रमुख है, जो 53% सैंपल्स में पाया गया। यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार का हिस्सा है और पिछले वैरिएंट्स की तुलना में अधिक संक्रामक है।

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