अमेरिका और भारत के बीच संबंध पिछले कुछ दशकों में रणनीतिक साझेदारी के रूप में उभरे हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रम, विशेष रूप से 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प की टिप्पणियों ने इस रिश्ते में नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। पहलगाम में हुए इस भयावह हमले, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए, ने भारत-पाकिस्तान तनाव को और बढ़ा दिया।
भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इन आरोपों को खारिज किया। इस संदर्भ में, ऑपरेशन इंडोर, जिसके तहत भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की, ने न केवल क्षेत्रीय तनाव को बढ़ाया बल्कि अमेरिका-भारत संबंधों को भी प्रभावित किया। डोनाल्ड ट्रम्प की प्रतिक्रियाओं और उनकी नीतियों ने भारत, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए असहज स्थिति पैदा की है, जिसका भारतीय विपक्ष ने जमकर आलोचना की।
ट्रम्प ने पाकिस्तान की हिमाकतों को नजरंदाज किया
पहलगाम हमले के बाद ट्रम्प ने इसे “निंदनीय” करार दिया और भारत के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई का समर्थन करने की बात कही। लेकिन उनकी टिप्पणियों ने भारत को निराश किया, क्योंकि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू में तौलते हुए कहा कि दोनों देश “कश्मीर में हजारों सालों से लड़ रहे हैं।” यह बयान न केवल ऐतिहासिक रूप से गलत था, बल्कि इसने भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को कमतर आंकने का काम किया। ट्रम्प ने यह भी कहा कि वह दोनों देशों को “मित्र” मानते हैं और कश्मीर मुद्दे का “शांतिपूर्ण समाधान” चाहते हैं। यह रुख भारत के लिए अपमानजनक था, क्योंकि भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रायोजित करने का आरोप लगाता रहा है, और ट्रम्प का तटस्थ रुख इस संदर्भ में भारत के दृष्टिकोण को कमजोर करता है। एक फर्जी वीडियो, जिसमें ट्रम्प को भारत के पक्ष में बोलते दिखाया गया, को भी फैक्ट-चेकिंग ने गलत साबित किया, जिसने उनके असली रुख को और उजागर किया।
अमेरिका ने पहलगाम आतंकी हमले को कमतर आँका
पहलगाम में हुए आतंकी हमले को भारत ने दो दशकों में नागरिकों पर सबसे घातक हमला करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में इस हमले की निंदा करते हुए कहा कि “हर भारतीय का खून खौल रहा है” और आतंकवादियों को “कठोरतम जवाब” दिया जाएगा। लेकिन ट्रम्प ने इस हमले को केवल एक सामान्य “आतंकी घटना” के रूप में देखा और इसके पीछे पाकिस्तान की भूमिका पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की। उनकी यह टिप्पणी कि “दोनों देशों के बीच हमेशा तनाव रहा है,” भारत के आतंकवाद के खिलाफ लंबे संघर्ष को नजरअंदाज करती है। भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, सीमा पार करने पर रोक लगा दी, और सैन्य सलाहकारों को वापस बुला लिया, जिससे उसका कड़ा रुख स्पष्ट था। ट्रम्प की तटस्थता ने भारत को यह महसूस कराया कि उनकी आतंकवाद विरोधी लड़ाई को अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिल रहा।
नरेंदर मोदी और डोनल्ड ट्रम्प की दोस्ती पर सवाल
ट्रम्प ने भारतीय टैरिफ को लेकर भी भारत की आलोचना की, जिसे उन्होंने “अनुचित” करार दिया। उन्होंने यूरोपीय संघ के सामानों पर 50% टैरिफ की सिफारिश की और भारत को भी इस तरह की नीतियों के लिए निशाने पर लिया। कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया गया कि ट्रम्प ने भारत पर व्यापार प्रतिबंध की धमकी दी और 600 से अधिक भारतीयों को हथकड़ी में निर्वासित किया, जिसने भारत में आक्रोश को और बढ़ाया। यह स्थिति तब और जटिल हो गई जब ट्रम्प ने क्वाड (Quad) यात्रा के दौरान यह उल्लेख किया कि “मोदी मेरे मित्र हैं,” लेकिन मोदी ने इस दौरान उनसे मुलाकात नहीं की, जिसे ट्रम्प की नाराजगी का कारण माना गया।
भारत में विपक्षी दलों ने ट्रम्प के रुख को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की विदेश नीति पर सवाल उठाए। विपक्ष ने तर्क दिया कि मोदी की ट्रम्प के साथ व्यक्तिगत दोस्ती और उनकी “हाउडी मोदी” जैसे आयोजनों पर निर्भरता ने भारत को अमेरिका के सामने कमजोर स्थिति में ला खड़ा किया। विपक्ष ने ट्रम्प के भारत-पाकिस्तान को एक समान मानने और पहलगाम हमले को कमतर आंकने को मोदी की कूटनीतिक विफलता करार दिया। सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स ने इसे “मोदी की विदेश नीति को झटका” बताया, जिसमें ट्रम्प के बयानों को भारत के लिए अपमानजनक कहा गया।,
पहलगाम हमले और ऑपरेशन इंडोर के बाद अमेरिका-भारत संबंधों में तनाव बढ़ा है। ट्रम्प का भारत और पाकिस्तान को एक समान मानना, आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई को नजरअंदाज करना, और टैरिफ जैसे मुद्दों पर आलोचना ने भारत में नाराजगी पैदा की है। विपक्ष ने इसे मोदी की कूटनीति की कमजोरी के रूप में पेश किया, जिससे भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी पर सवाल उठ रहे हैं। भविष्य में दोनों देशों को इन मतभेदों को सुलझाने और कूटनीतिक संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता होगी।