एलन मस्क की डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन में भागीदारी ने तीखी बहस को जन्म दिया है, जिसमें कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या इस अरबपति ने ट्रम्प के चुनाव अभियान में करोड़ों रुपये खर्च करते हुए अपने कारोबार को नजरअंदाज कर दिया। आइए इस विवाद में गहराई से उतरें, एक नया नजरिया तलाशें, और यह समझें कि क्या मस्क ने वाकई अपने हितों को दरकिनार किया—या फिर यह कहानी कुछ और ही बयान करती है।
मस्क, टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ, ने कथित तौर पर 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रम्प के अभियान और अन्य रिपब्लिकन कारणों के लिए लगभग 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2500 करोड़ रुपये) खर्च किए, जिससे वे रिपब्लिकन पार्टी के सबसे बड़े दानदाता बन गए। ट्रम्प की जीत के बाद, मस्क ने डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) में एक अहम भूमिका निभाई, जो ट्रम्प की एक पहल है, जिसका मकसद संघीय खर्च और नौकरशाही को कम करना है। इस हाई-प्रोफाइल भूमिका ने मस्क को वाशिंगटन, डी.सी. के केंद्र में ला दिया, जहां उन्होंने हजारों नौकरियों को खत्म करने और अरबों के कॉन्ट्रैक्ट्स को रद्द करने की कोशिश की। हालांकि, इस राजनीतिक भागीदारी की कीमत चुकानी पड़ी—उनके कारोबार और सार्वजनिक छवि दोनों को नुकसान पहुंचा।
आलोचकों का कहना है कि मस्क की राजनीति में गहरी भागीदारी ने उनकी कंपनियों को सीधे नुकसान पहुंचाया। टेस्ला, जो उनकी 423 बिलियन डॉलर (लगभग 35 लाख करोड़ रुपये) की संपत्ति का आधार है, ने 2025 की पहली तिमाही में बिक्री में भारी गिरावट देखी, और रिपोर्ट्स के मुताबिक यह गिरावट मस्क की राजनीतिक टिप्पणियों के खिलाफ जनता के गुस्से से जुड़ी थी। मई 2025 में रॉयटर्स/इप्सोस पोल के अनुसार, अमेरिका में जनमत तेजी से बंट गया, जिसमें 58% लोगों ने मस्क को नकारात्मक रूप से देखा, खासकर पार्टी लाइनों के आधार पर। डेमोक्रेट्स ने उनकी आलोचना की, जबकि रिपब्लिकन ने उनकी कोशिशों की तारीफ की। इस ध्रुवीकरण ने टेस्ला के ब्रांड को नुकसान पहुंचाया, क्योंकि कुछ ग्राहकों ने इस इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी से मुंह मोड़ लिया। इस बीच, DOGE में मस्क की भूमिका ने उनके समय की भारी मांग की, जिससे टेस्ला के निवेशकों में चिंता बढ़ी कि वे कंपनी पर ध्यान नहीं दे रहे। अप्रैल 2025 तक, मस्क ने खुद इस तनाव को स्वीकार किया और घोषणा की कि वे DOGE में अपनी भागीदारी को हफ्ते में सिर्फ एक या दो दिन तक सीमित करेंगे ताकि टेस्ला पर फिर से ध्यान दे सकें, क्योंकि कंपनी के मुनाफे में भारी गिरावट और बोर्ड द्वारा उन्हें सीईओ पद से हटाने की संभावना की खबरें सामने आई थीं।
सतह पर देखें तो लगता है कि मस्क ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के लिए अपने कारोबारी हितों को नजरअंदाज कर दिया। स्पेसएक्स, टेस्ला, और एक्स—तीन कंपनियां जो मस्क से गहराई से जुड़ी हैं—भी जांच के दायरे में आईं। एक्स पर पोस्ट्स से पता चलता है कि मस्क की राजनीतिक हरकतों ने MAGA ब्रांड को नुकसान पहुंचाया, कुछ यूजर्स ने उन्हें “वेलफेयर क्वीन” तक कहा, यह आरोप लगाते हुए कि उन्होंने अभियान के दान के बदले सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल किए। लेकिन यह कहानी पूरी नहीं है।
यहां एक नया नजरिया है: मस्क की राजनीतिक भागीदारी, भले ही अल्पकालिक नुकसानदायक रही हो, शायद उनके कारोबारी साम्राज्य को लंबे समय तक सुरक्षित करने की एक सोची-समझी रणनीति थी। ट्रम्प प्रशासन में खुद को शामिल करके, मस्क ने अभूतपूर्व प्रभाव हासिल किया, और एक्स पर कुछ लोगों ने उन्हें “अमेरिकी सरकार का टेक्नोकिंग” तक करार दिया। इस स्थिति ने उन्हें ऐसी नीतियों को बढ़ावा देने का मौका दिया जो उनकी कंपनियों को फायदा पहुंचा सकती थीं। उदाहरण के लिए, संघीय नौकरशाही और विदेशी सहायता में कटौती—DOGE के मुख्य लक्ष्य—स्पेसएक्स के लिए नियामक बाधाओं को कम कर सकते थे, जो सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स पर बहुत हद तक निर्भर है, और टेस्ला के लिए भी, जो पर्यावरणीय नियमों का सामना करती है। इसके अलावा, ट्रम्प के अभियान में मस्क का 300 मिलियन डॉलर का निवेश एक रणनीतिक दांव था ताकि वे वाशिंगटन में अपनी जगह सुनिश्चित कर सकें और अपनी कंपनियों के हितों की रक्षा कर सकें। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, टेस्ला के गिरते स्टॉक को व्हाइट हाउस के समर्थन के वादों ने संभाला, एक ऐसा कदम जो यह समझा सकता है कि टेस्ला के शेयरधारक, जो शुरू में चिंतित थे, बाद में मस्क के प्रभाव को सकारात्मक मानने लगे।
हालांकि, मस्क के राजनीतिक खर्च बिना गलतियों के नहीं रहे। विस्कॉन्सिन सुप्रीम कोर्ट के लिए एक रिपब्लिकन उम्मीदवार में उनके 13 मिलियन डॉलर (लगभग 110 करोड़ रुपये) का निवेश उल्टा पड़ गया, डेमोक्रेट समर्थित उम्मीदवार ने 10 प्रतिशत अंकों से जीत हासिल की। विश्लेषकों ने बताया कि मस्क की भागीदारी एक बोझ बन गई, क्योंकि डेमोक्रेट्स ने उनकी विवादास्पद छवि का इस्तेमाल वोटरों को लामबंद करने के लिए किया। इस असफलता ने, टेस्ला की बिक्री में गिरावट के साथ मिलकर, शायद मस्क को पीछे हटने के लिए मजबूर किया। 20 मई, 2025 को कतर इकोनॉमिक फोरम में, मस्क ने घोषणा की कि वे भविष्य में “काफी कम” राजनीतिक खर्च करेंगे, और कहा, “मुझे लगता है मैंने काफी कर लिया।” कुछ दिनों बाद, 29 मई को, उन्होंने एक एक्स पोस्ट के जरिए पुष्टि की कि ट्रम्प के तहत उनकी विशेष सरकारी कर्मचारी की भूमिका खत्म हो रही है, हालांकि उन्होंने कहा कि DOGE अपना काम जारी रखेगा।
तो, क्या मस्क ने अपने कारोबार को नजरअंदाज किया? पूरी तरह से नहीं। हालांकि उनकी राजनीतिक भागीदारी ने टेस्ला को नुकसान पहुंचाया और जनता का गुस्सा भड़काया, लेकिन इसने उन्हें ऐसी नीतियों को प्रभावित करने की स्थिति में भी ला दिया जो उनकी कंपनियों को लंबे समय में फायदा पहुंचा सकती थीं। लेकिन तत्काल नुकसान—बिक्री में गिरावट, निवेशकों का दबाव, और खराब सार्वजनिक छवि—यह बताते हैं कि मस्क ने इस प्रतिक्रिया को कम करके आंका। मस्क के करीबी एक व्यक्ति ने अप्रैल 2025 में उन्हें “थका हुआ और हताश” बताया, जिससे इस संतुलन के दबाव का अंदाजा लगता है। आखिरकार, मस्क का राजनीतिक दांव एक दोधारी तलवार साबित हुआ: इसने वाशिंगटन में दरवाजे खोले लेकिन उनके कारोबारी साम्राज्य को अल्पकालिक रूप से कमजोर कर दिया।
निष्कर्ष में, मस्क का ट्रम्प अभियान में 300 मिलियन डॉलर का निवेश और प्रशासन में उनकी भूमिका उनके हितों को छोड़ने की बजाय लंबे समय के फायदे हासिल करने की एक जोखिम भरी रणनीति थी। फिर भी, इसके नतीजे—टेस्ला की बिक्री में भारी गिरावट, एक असफल चुनावी दांव, और बंटा हुआ जनमत—यह दिखाते हैं कि दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति भी राजनीति के खेल के परिणामों से बच नहीं सकते। जैसे ही मस्क पीछे हट रहे हैं, सवाल यह है: क्या वाशिंगटन में उनका प्रभाव टेस्ला और स्पेसएक्स के लिए फायदेमंद होगा, या उनकी ब्रांड को हुआ नुकसान बहुत महंगा साबित होगा? यह तो वक्त ही बताएगा।