वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वजह उनकी पत्रकारिता नहीं, बल्कि उनके इंडिया टुडे से जाने की अफवाहें हैं। 27 मई 2025 को सोशल मीडिया, खासकर X पर यह खबर तेजी से फैली कि राजदीप सरदेसाई को इंडिया टुडे ने निकाल दिया है। कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया कि यह कदम उनके हालिया विवादास्पद बयान के बाद लिया गया, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया था कि भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को पाकिस्तान को सौंप दे और नियंत्रण रेखा (LoC) को स्थायी सीमा मान ले। इस बयान ने लोगों में गुस्सा भड़काया और उनकी आलोचना हुई। कुछ यूजर्स ने इसे उनकी विदाई का कारण बताया, लेकिन क्या यह सच है?
इन अफवाहों की शुरुआत तब हुई, जब X पर कुछ यूजर्स ने पोस्ट किए कि “इंडिया टुडे ने राजदीप को बाहर का रास्ता दिखा दिया।” एक यूजर ने तो उनके पिछले विवादों का जिक्र करते हुए लिखा कि “इनकी पत्रकारिता में उपलब्धियां हैं, जैसे विदेश में पीटे जाना और आलोचना झेलना।” मेघा प्रसाद नाम की एक पत्रकार ने भी एक पोस्ट में लिखा, “मीडिया के एक बड़े व्यक्ति को बाहर निकाल दिया गया, कर्म लौटकर आते हैं।” इसने अफवाहों को और हवा दी। लेकिन इन दावों की सच्चाई क्या है?
राजदीप सरदेसाई ने इन अफवाहों का खंडन किया है। 28 मई 2025 को इंडिया टुडे के अपने शो “न्यूज़ टुडे” में उन्होंने स्पष्ट किया कि वे चैनल के साथ बने हुए हैं। इंडिया टुडे की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल भी एक्टिव है, और चैनल ने एक पोस्ट में लिखा, “न्यूज़रूम माइलस्टोन: राजदीप सरदेसाई ने समाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।” यह स्पष्ट करता है कि ये अफवाहें निराधार हैं। राजदीप ने अपने X पोस्ट में भी मजाकिया अंदाज में कहा, “टाइगर जिंदा है! और निडर है!” यह बयान उनके निडर रवैये को दर्शाता है।
राजदीप सरदेसाई का करियर लंबा और प्रभावशाली रहा है। 60 साल के इस पत्रकार ने कई किताबें लिखी हैं, जैसे “2014: द इलेक्शन दैट चेंज्ड इंडिया” और “हाउ मोदी वॉन इंडिया”, जो बेस्टसेलर रहीं। उनकी पत्नी सागरिका घोष ने उनके जन्मदिन पर 25 मई को X पर लिखा, “भारत के सबसे चहेते न्यूज़मैन और मेरे 32 साल के जीवनसाथी सीनियर सिटीजन बन गए।” यह पोस्ट उनके निजी और पेशेवर जीवन के मजबूत आधार को दिखाती है।
हालांकि, राजदीप विवादों से अछूते नहीं रहे। 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने उनके एक ट्वीट को लेकर अवमानना का मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में इसे गलती बताया गया। PoK पर उनके हालिया बयान ने भी आलोचना झेली, लेकिन इंडिया टुडे ने उन्हें नहीं निकाला। ये अफवाहें सोशल मीडिया की उस प्रवृत्ति को दर्शाती हैं, जहां बिना तथ्यों के दावे वायरल हो जाते हैं। राजदीप का इनकार और इंडिया टुडे की पुष्टि सच्चाई को सामने लाती है।