29 मई 2025 को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के खिलाफ सनसनीखेज दावे किए। उन्होंने कहा कि उनके पास एक रिपोर्ट है जिसमें गौरव गोगोई ने स्वीकार किया है कि उन्होंने अपनी पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई के भारत में रहने के दौरान अकेले पाकिस्तान की यात्रा की थी। शर्मा ने दावा किया कि एलिजाबेथ ने खुफिया दस्तावेजों तक पहुंच बनाई और उनके आधार पर पाकिस्तानी एजेंटों को जलवायु परिवर्तन पर सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के दस्तावेजों पर आधारित है, जो यह भी साबित करती है कि गौरव गोगोई के आईबी से संबंध थे। शर्मा ने आरोप लगाया कि गोगोई भारत में निवेश करने या न करने की सलाह देते थे।
उन्होंने कहा, “असम के मुख्यमंत्री के रूप में मैं पुष्टि करता हूं कि गौरव गोगोई की पाकिस्तान यात्रा प्रशिक्षण के लिए थी, जिसका उनकी पत्नी से कोई संबंध नहीं था, क्योंकि उस समय उनकी पत्नी पाकिस्तान में नहीं थी। मेरे पास दस्तावेज हैं जो साबित करते हैं कि उनकी पत्नी विभिन्न खुफिया जानकारी एकत्र करने में शामिल थी। वह सीधे तौर पर पाकिस्तान से जुड़े हैं। मेरे पास यह रिपोर्ट है, और मैं 10 सितंबर 2025 को इसका खुलासा करूंगा, जिसमें मैं उनके पाकिस्तानी सेना, पाकिस्तान के गृह विभाग और जलवायु लॉबी के लिए उनके कार्यों के संबंध को उजागर करूंगा।” इन विस्फोटक आरोपों ने एक चल रहे राजनीतिक विवाद को और तीव्र कर दिया है, जिसने शर्मा के गोगोई के खिलाफ पहले के दावों में नया आयाम जोड़ा है।
हिमंता विस्वा शर्मा के आरोपों की पृष्ठभूमि
यह विवाद फरवरी 2025 में शुरू हुआ जब हिमंत बिस्वा शर्मा ने गौरव गोगोई पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) से संबंध होने का आरोप लगाया। उन्होंने शुरुआत में गोगोई की ब्रिटिश पत्नी, एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई पर निशाना साधा, दावा किया कि उनका एक पाकिस्तान आधारित गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) से संबंध था और उन्होंने भारत में काम करते हुए उससे वेतन लिया। शर्मा ने सुझाव दिया कि इन संबंधों ने गौरव के पिता, स्वर्गीय तरुण गोगोई, जो 2001 से 2016 तक असम के मुख्यमंत्री थे, के कार्यकाल के दौरान असम मुख्यमंत्री कार्यालय में आईएसआई की घुसपैठ की आशंका को जन्म दिया। मई 2025 तक, शर्मा ने अपने आरोपों को और तेज किया, दावा किया कि गोगोई ने पाकिस्तान के गृह मंत्रालय, जो आईएसआई का निरीक्षण करता है, के निमंत्रण पर पाकिस्तान की यात्रा की। उन्होंने गोगोई के लंबे समय तक पाकिस्तान में रहने का “ठोस सबूत” होने का दावा किया और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) की जांच पूरी होने के बाद 10 सितंबर 2025 तक व्यापक सबूत पेश करने का वादा किया। 29 मई की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने गोगोई की कथित स्वीकारोक्ति और उनकी पत्नी के खुफिया दस्तावेजों तक पहुंच के नए आरोपों को जोड़कर राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया, जिसने गोगोई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में चित्रित किया।
क्या गौरव गोगोई दो हफ्ते अकेले पाकिस्तान रहे थे
शर्मा ने गौरव गोगोई पर आरोप लगाया कि उन्होंने आईएसआई के निमंत्रण पर अकेले 13-14 दिनों तक पाकिस्तान की यात्रा की, जिसमें पाकिस्तानी प्रतिष्ठान के साथ “प्रशिक्षण” शामिल था, जिसमें संभवतः पाकिस्तानी सेना मुख्यालय जैसे संवेदनशील स्थानों का दौरा भी शामिल था। उन्होंने दावा किया कि गोगोई की पत्नी, एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई, जो एक जलवायु नीति विशेषज्ञ हैं, ने भारतीय खुफिया दस्तावेजों तक पहुंच बनाई और जलवायु परिवर्तन चर्चाओं के बहाने पाकिस्तानी एजेंटों को सलाह दी। शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि एलिजाबेथ का पाकिस्तानी जलवायु विशेषज्ञ अली तौकीर शेख के साथ संबंध था, जिससे वह पाकिस्तान के खुफिया नेटवर्क में फंस गईं। इसके अलावा, उन्होंने गोगोई पर भारत में पाकिस्तानी दूतावास में लगभग 90 युवाओं को ले जाने का आरोप लगाया, जिनमें से कई को यात्रा के उद्देश्य की जानकारी नहीं थी, जिससे “ब्रेनवॉश और कट्टरपंथीकरण” का संकेत मिलता है। शर्मा ने यह भी दावा किया कि गोगोई ने संसद में ऐसे सवाल उठाए जो पाकिस्तान के कथन के साथ मेल खाते थे, विशेष रूप से भारत के राफेल सौदे और रक्षा तैनाती के बारे में, और यह भी कि गोगोई के बेटे ने भारतीय नागरिकता छोड़कर ब्रिटिश नागरिकता ले ली, जिससे परिवार की निष्ठा पर सवाल उठे। उन्होंने तर्क दिया कि जयराम रमेश द्वारा 17 मई 2025 को प्रस्तावित आतंकवाद पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में गोगोई का नामांकन इन कथित संबंधों के कारण अनुचित था, और उन्होंने वादा किया कि अगर कोई भी आरोप गलत साबित हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे।
गौरव गोगोई ने शर्मा के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया
गौरव गोगोई ने शर्मा के आरोपों को पूरी तरह खारिज किया, उन्हें आधारहीन, दुर्भावनापूर्ण और राजनीतिक रूप से प्रेरित करार दिया। 28 मई 2025 को, उन्होंने पाकिस्तान की यात्रा करने की बात स्वीकार की, लेकिन कोई विवरण नहीं दिया, शर्मा के दावों को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय एकता के प्रयासों से ध्यान भटकाने वाला बताया। गोगोई ने आईएसआई या आईबी से किसी भी संबंध से इनकार किया, आरोपों को “हास्यास्पद” और “सी-ग्रेड मूवी की कहानी” जैसा बताया। उन्होंने अपनी पत्नी का बचाव किया, यह कहते हुए कि उनकी ब्रिटिश नागरिकता कोई अपराध नहीं है और उन्होंने असमिया संस्कृति को अपनाया है, इसका सबूत देते हुए उन्होंने एक वीडियो साझा किया जिसमें वह पारंपरिक असमिया पोशाक में भुज गीत गा रही थीं। एक भावनात्मक असमिया पत्र में, गोगोई ने उनकी मां और पेशेवर के रूप में योगदान की प्रशंसा की, शर्मा पर उन्हें राजनीति में घसीटने का आरोप लगाया। उन्होंने शर्मा को चुनौती दी कि अगर आरोप गलत साबित हुए तो वह इस्तीफा दें और फरवरी 2025 में शुरू हुई एसआईटी जांच पर भरोसा जताया कि यह उनके और उनकी पत्नी के नाम को साफ करेगी। गोगोई ने बीजेपी पर 13 सालों से उन्हें निशाना बनाने का आरोप लगाया और खुफिया दस्तावेजों और आईबी संबंधों के नए आरोपों सहित “अपमानजनक और आधारहीन” दावों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का वादा किया।
कानूनी और राजनीतिक टकराव में तब्दील हो सकते हैं हिमंता के आरोप
शर्मा के गौरव गोगोई के खिलाफ आरोप 2026 के असम विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में सामने आए हैं, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच तीव्र राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता है। 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले शर्मा ने खुद को कांग्रेस के कट्टर आलोचक के रूप में स्थापित किया है, विशेष रूप से गौरव गोगोई को, जो एक प्रमुख कांग्रेस नेता के बेटे हैं, निशाना बनाया। ये आरोप लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गोगोई की विश्वसनीयता को कमजोर करने और विपक्ष को कमजोर करने का प्रयास हैं। गोगोई और उनकी पत्नी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे के रूप में चित्रित करके, शर्मा ने दांव बढ़ा दिया है, जो जनता की धारणा और चुनावी गतिशीलता को प्रभावित कर सकता है। यह विवाद राष्ट्रीय सुरक्षा की बयानबाजी को राजनीतिक लड़ाइयों में इस्तेमाल करने के सवाल उठाता है, खासकर गोगोई के आतंकवाद से संबंधित प्रतिनिधिमंडल में नामांकन के साथ। 10 सितंबर 2025 को आने वाली एसआईटी की रिपोर्ट इस विवाद की दिशा तय करेगी, जो एक कानूनी और राजनीतिक टकराव में तब्दील हो सकता है, खासकर खुफिया दस्तावेजों और आईबी संबंधों के नए दावों के साथ।
हिमंता के आरोपों को लेकर क्या कहते हैं लोग
शर्मा के आरोपों ने जनता और राजनीतिक हलकों में विभाजन पैदा किया है। बीजेपी समर्थकों ने एक्स जैसे मंचों पर उनके दावों को बढ़ावा दिया, गोगोई को संदिग्ध व्यक्ति के रूप में चित्रित किया और शर्मा की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को उजागर करने की प्रशंसा की। कांग्रेस नेताओं, जैसे जयराम रमेश, ने आरोपों पर सीधे जवाब देने के बजाय प्रतिनिधिमंडल विवाद के प्रक्रियात्मक पहलुओं पर ध्यान केंद्रित किया। गोगोई के समर्थकों ने उनके साथ एकजुटता दिखाई, शर्मा के दावों को बदनाम करने की साजिश करार दिया। जनता का मूड बंटा हुआ है, कुछ लोग आरोपों को गंभीर चिंता मानते हैं जिसकी जांच जरूरी है, जबकि अन्य इसे असम में शासन के मुद्दों, जैसे गोगोई द्वारा उल्लिखित कथित कोयला माफिया, से ध्यान हटाने की राजनीतिक चाल मानते हैं। खुफिया दस्तावेजों और आईबी संबंधों के नए आरोपों ने राजनीतिक आरोपों की नैतिकता और साक्ष्य-आधारित दावों की आवश्यकता पर बहस को और तेज कर दिया है।
असम सरकार की SIT की रिपोर्ट का इंतज़ार
फरवरी 2025 में, असम सरकार ने गोगोई, उनकी पत्नी और पाकिस्तानी संस्थाओं, जिसमें अली तौकीर शेख शामिल हैं, के बीच कथित संबंधों की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की, जिसमें आपराधिक साजिश और राष्ट्रीय एकता को खतरे में डालने के आरोप शामिल हैं। शर्मा ने अपनी विश्वसनीयता को एसआईटी की जांच पर टिका दिया है, जिसमें उन्होंने 29 मई की प्रेस कॉन्फ्रेंस के नए दावों सहित, अपने आरोपों को साबित करने के लिए 10 सितंबर 2025 तक “विश्वसनीय जानकारी और दस्तावेजी सबूत” जारी करने का वादा किया है। उन्होंने दावा किया कि जांच गोगोई के पाकिस्तानी प्रतिष्ठान और उनकी पत्नी की कथित खुफिया गतिविधियों से संबंधों की पूरी हद तक खुलासा करेगी, जिससे असम और भारत के लोगों के लिए पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। दूसरी ओर, गोगोई ने विश्वास जताया कि एसआईटी उनके और उनकी पत्नी को निर्दोष साबित करेगी, जांच को शर्मा के दावों को आधारहीन साबित करने का अवसर बताया। इस उच्च-दांव वाले विवाद को सुलझाने में एसआईटी की रिपोर्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
महत्वपूर्ण विश्लेषण
शर्मा के आरोप, जिसमें गोगोई की कथित स्वीकारोक्ति और उनकी पत्नी की खुफिया गतिविधियों के नए दावे शामिल हैं, अभी तक एसआईटी की जांच के नतीजों के अभाव में अपुष्ट हैं, और अब तक ठोस सबूतों की कमी उनके वैधता पर संदेह पैदा करती है। गोगोई की पाकिस्तान यात्रा की स्वीकारोक्ति, बिना स्पष्टीकरण के, अस्पष्टता जोड़ती है, लेकिन आईएसआई और आईबी से संबंधों का उनका स्पष्ट खंडन उनके बचाव को मजबूत करता है। एलिजाबेथ कोलबर्न गोगोई पर व्यक्तिगत हमले, विशेष रूप से उनकी नागरिकता और कथित खुफिया पहुंच के बारे में, संदेह पैदा करने के लिए डिज़ाइन किए गए प्रतीत होते हैं, लेकिन इनका कोई ठोस आधार नहीं है। कांग्रेस के साथ शर्मा का इतिहास और आगामी चुनावों का राजनीतिक संदर्भ इन आरोपों के पीछे रणनीतिक मकसद का सुझाव देता है। यह विवाद बिना सत्यापित सबूतों के राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने के जोखिम को रेखांकित करता है। 10 सितंबर 2025 को आने वाली एसआईटी की रिपोर्ट यह निर्धारित करने में महत्वपूर्ण होगी कि क्या शर्मा के दावे सही हैं या गोगोई की कानूनी कार्रवाई की मांग को बल मिलता है।
हिमंत बिस्वा शर्मा के गौरव गोगोई के खिलाफ आरोप, जो 29 मई 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में और तीव्र हुए, ने असम के राजनीतिक परिदृश्य को उथल-पुथल में डाल दिया है। उन्होंने कांग्रेस सांसद और उनकी पत्नी पर पाकिस्तान की आईएसआई, खुफिया दस्तावेजों के रिसाव और आईबी से संबंधों के जरिए राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने का आरोप लगाया। 10 सितंबर 2025 को एसआईटी जांच के माध्यम से सबूत पेश करने का शर्मा का वादा प्रत्याशा को बढ़ाता है, जबकि गोगोई का जोरदार खंडन और कानूनी कार्रवाई की धमकी एक तीव्र जवाबी हमले का संकेत देती है। व्यक्तिगत और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में निहित यह विवाद कांग्रेस नेतृत्व और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवचन पर सवाल उठाता है। जैसे-जैसे एसआईटी की समय सीमा नजदीक आ रही है, राष्ट्र यह जानने का इंतजार कर रहा है कि क्या शर्मा के दावे, जैसा कि वह कहते हैं, एक “खतरनाक और समझौता करने वाले” व्यक्ति को उजागर करेंगे, या जांच के तहत ढह जाएंगे, जिससे गोगोई का पक्ष मजबूत होगा और असम की राजनीतिक कथा को नया रूप मिलेगा।