- साक्षी टीवी के वरिष्ठ पत्रकार और एंकर हैं कोमिनेनी श्रीनिवास राव
- थुल्लुर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ मामला,9 जून 2025 को गिरफ्तारी
- टीवी डिबेट में अमरावती को “वेश्यालयों की राजधानी” कहने का आरोप ,महिलाएं नाराज
- विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई की मांग तेज
आंध्र प्रदेश पुलिस ने सोमवार, 9 जून 2025 को साक्षी टीवी के वरिष्ठ पत्रकार और एंकर कोमिनेनी श्रीनिवास राव को गिरफ्तार किया, जिसके बाद पत्रकारिता और स्वतंत्र अभिव्यक्ति को लेकर सियासी और सामाजिक हलचल तेज हो गई है। गिरफ्तारी हैदराबाद के पत्रकार कॉलोनी स्थित उनके आवास से की गई, जहां एक सादे कपड़ों की पुलिस टीम ने सुबह के समय कार्रवाई की। उन्हें गुंटूर जिले के थुल्लुर पुलिस स्टेशन में पेश किया जाना है, जहां उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई का कारण एक हालिया टीवी डिबेट में अमरावती क्षेत्र की महिलाओं के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणियां करना बताया जा रहा है।
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब कोमिनेनी श्रीनिवास राव ने साक्षी टीवी पर एक डिबेट शो की मेजबानी की, जिसमें राजनीतिक विश्लेषक वी.वी.आर. कृष्णम राजू भी शामिल थे। इस डिबेट के दौरान कथित तौर पर ऐसी टिप्पणियां की गईं, जो अमरावती की महिलाओं के लिए अपमानजनक मानी गईं, जिसमें क्षेत्र को “वेश्यालयों की राजधानी” कहे जाने का दावा शामिल है। यह टिप्पणी जनता के गुस्से का कारण बनी, जिसके बाद विभिन्न संगठनों, खासकर अमरावती के किसानों और संयुक्त कार्रवाई समितियों (जेएसी) ने शिकायत दर्ज कराई। राज्य माडिगा कॉर्पोरेशन की निदेशक खंबामपति सिरीशा ने भी इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की।
गिरफ्तारी के बाद से साक्षी टीवी और इसके प्रबंधन पर सवाल उठ रहे हैं। आंध्र प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष रायपति सैलजा ने चैनल प्रबंधन से पूरे राज्य से बिना शर्त माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि आयोग ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है, क्योंकि साक्षी टीवी ने महिलाओं को निशाना बनाया और उनका अपमान किया।
सैलजा ने सवाल उठाया कि कोई भी समाज में स्वीकार्य नहीं होने वाली ऐसी डिबेट कैसे प्रसारित की जा सकती है। उन्होंने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर साक्षी टीवी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिसमें चैनल के लाइसेंस को रद्द करने की सिफारिश शामिल है। इसके साथ ही आयोग ने चैनल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी और पुलिस कार्रवाई का भी संकल्प लिया है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
दूसरी ओर, अमरावती के किसान, महिलाएं और जेएसी ने गुंटूर, विजयवाड़ा और अन्य स्थानों पर साक्षी कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। प्रदर्शनकारी इस घटना को महिलाओं के खिलाफ अपमान और प्रेस की जवाबदेही का मुद्दा मान रहे हैं। उधर, पुलिस ने वी.वी.आर. कृष्णम राजू की तलाश शुरू कर दी है, जो इस डिबेट में शामिल थे और वर्तमान में अपने विजयवाड़ा स्थित आवास से फरार हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी कृष्णम राजू की टिप्पणियों की निंदा की है और इसे महिलाओं, खासकर किसान महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बताया है।
इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कुछ लोग इसे प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं, जबकि अन्य इसे महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए जरूरी कार्रवाई बता रहे हैं। पत्रकार समुदाय के एक वर्ग ने गिरफ्तारी को सरकार का दबाव बताया, वहीं दूसरा वर्ग इसे चैनल की जिम्मेदारी से जोड़ रहा है। पुलिस का कहना है कि जांच जारी है और इस मामले में अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल की जाएगी। यह घटना न केवल कोमिनेनी श्रीनिवास राव के करियर पर सवाल उठाती है, बल्कि पत्रकारिता की नैतिकता और प्रसारण नियमों पर भी बहस को जन्म देती है, जो आंध्र प्रदेश में एक बड़े विवाद का रूप ले चुकी है।